Wednesday 5 October 2016

हाँ मत करो बात मुझसे

हाँ मत करो बात मुझसे,
तुम्हारी मर्जी।
अपनो को क्या देना पडे,
बार बार माफी की अर्जी।
मानता हू मै हो जाती है गलतियाँ अक्सर,
ईंसान है हम खुदा तो नहीं।
जरा सी बात पर इतने दिन तक रुठे रहना,
ऐसी भी क्या हो खुदगर्जी।
हाँ मत करो बात मुझसे,
तुम्हारी मर्जी।

Monday 27 June 2016

तुमसे लडते रहने से

“तुमसे लडते रहने से हौंसला बढ़ता हैं मेरा,
ऐ!आँधियो तुम अपना क़हर जारी रखो।”

मुक्तक 1

किसका चेहरा रखू निगाह मे अपनी,
किसका नाम जुबान पर अपनी लाऊ,
तू मान जा साजन म्हारे अब तो…
तू कहे तो नाचू या फिर कोई गीत सुनाऊ..

कुछ शेर

1) इतनी यादों की भीड़ में एक अकेला मेरा मन,
बस तुझको हीं तुझको चाहे मेरा पागल मन।

2) अजीब शौक़ हैं यारो ये उसके बारे में सोचने का,
कि जब तक सोचू नहीं चैन हीं नहीं मिलता।

3)अकेले मैं तुमसे गुफ़्तगू करने को जी तो बहुत करता हैं,
पर कभी तुम अकेली रहती भी कहाँ हो।

4) अकेला ही चलना हैं अब मुझको जानिब-ए-मंज़िल मेरी,
दिल ही मेरा हमदम हैं दिल ही हैं वाइज़ मेरा।

5)झम झमाझम बरसे बदरा आज पिया के शहर में,
झूमन लागे हम भी अब तो पिया तोरे नैनन के असर में।

Saturday 9 April 2016

आँखो से बात करे

कभी आता हैं ख्याल तुम्हारा,
दिल करता हैं तुमसे बात करे,
इतनी तो दुश्मनी नहीं हैैं
चलो एक मुलाकात करे।

मैं तुमसे तुम मुझसे हो,
ख़फ़ा किस बात पर मालूम नहीं ,
इश्क पर किसी का जोर चलता नहीं,
जब इश्क़ का फैसला दो दिल साथ करे।

कहाँ से इब्तिदा करिये अब,
कि दीदार हुआ है तुम्हारा हमको,
दिल फिर भी कह रहा है जानम,
लबो को बंद रहने दो आँखो से बात करे।

अनुराग

Wednesday 6 April 2016

आओ अब कुछ बात करे

आओ अब कुछ बात करे,
कदम कुछ अब साथ भरे।
भुला के सारे गिले शिकवे,
नये रिश्ते की शुरुआत करे।
पहले ही बहुत कम है जिंदगी,
फिर रुठ के क्यो वक्त बरबाद करे।
बंजर हो गया था जो पतझड़ के आने से,
उस गुलशन को प्यार से फिर आबाद करे।
भुल गया हूं मै तुम भी भुला दो,
बीती जिंदगी को क्यों हम याद करे।
आओ अब कुछ बात करे,
कदम अब कुछ साथ भरे।
भुला के सारे गिले शिकवे,
नये रिश्ते की शुरुआत करे।
आओ अब कुछ बात करे…………………