जो सुनी जाती हैं, वहीं सुनी जाती,
अगर जो बात हैं कहनी कहीं जाती।
तुम्हें भले लगे, कड़वी या मीठी,
सुनो वहीं बात जो हैं कहीं जाती।
किसी के दूर चले जाने से किसी से,
सांसें चलती हैं, थम नहीं जाती।
तुम चली गयी हो ये सच हैं जानाँ,
पर तुम्हारी याद क्यों नहीं जाती।
'बेख़ुद' तुम्हारे उदास हो जाने से,
किसी के चेहरे की हंसी नहीं जाती।
~महेश कुमार बोस 'बेख़ुद'
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